मेरा नाम पूजा है, मैं एक अभी ताजा-ताजा जवान हुई लड़की हूँ।मैं और मेरे ही गाँव का आकाश एक साथ पढ़ने जाते थे।
आकाश 12 वीं में पढ़ता था और मैं 11वीं की स्टूडेंट थी। मेरे मम्मी पापा भी आकाश से बहुत खुश रहते थे।
पास के गाँव का विकास भी आकाश के साथ पढ़ता था।
आकाश से विकास बड़ा और लंबा था, विकास का जिस्म कसरती था, मुझे उसको देख कर डर सा लगता था इसलिए मैं कभी उससे बात नहीं करती थी।
आकाश मेरा पढ़ाई का काम पूरा करा देता था, वो बहुत अच्छा लड़का है।पापा भी ऐसा बोलते थे।
मैं आकाश और विकास स्कूल से एक साथ ही आते थे।
जुलाई 26 को विकास स्कूल नहीं आया। छुट्टी से पहले मौसम काफ़ी खराब हो गया था। प्रिंसीपल ने खराब मौसम के कारण एक घंटा पहले ही छुट्टी कर दी थी।
हम दोनों लोग अपने-अपने बैग लेकर जल्दी-जल्दी घर के लिए जाने लगे।अभी हम लोग स्कूल से एक किलोमीटर ही पहुँचे थे कि पानी बरसने लगा।घर जाने का रास्ता एकदम सुनसान था।
पास में एक पुराना सा फॉर्म हाउस था.. जो बंद पड़ा रहता था, उसमें कोई नहीं रहता था।उसके सामने छोटा सा बरामदा था, हम लोग पानी से बचने के लिए उसी घर में रुक गए।
उसमें बने हुए घर के दरवाज़े काफ़ी खराब हो गए थे.. उसकी कुण्डी बंद ही नहीं होती थी।
अब तो हवा भी काफ़ी तेज़ चलने लगी थी। अचानक बहुत जोर से बिज़ली कड़की.. मुझे ऐसा लगा कि जहाँ मैं खड़ी हूँ.. वहीं गिर गई हूँ।
दरअसल मैं बहुत घबरा गई थी तो मैं डर कर आकाश से चिपक गई।
मैं थोड़ी देर तक उससे चिपकी रही और वो भी मेरी पीठ पर हाथ घुमाता रहा.. मेरे कन्धों को दबाता रहा।
अचानक मैं चेतन हुई और आकाश से अलग हो गई।उसने कहा- मेरा कोई ग़लत इरादा नहीं था.. मैं तो तुमको शांत कर रहा था।
आकाश से चिपकना मुझे मन ही मन अच्छा लगा था.. पर मैं चुप रही।
तभी फिर से बिज़ली कड़की.. इस बार उसने मुझे पीछे से पकड़ कर चिपका लिया।
हेलो दोस्तो मेरा नाम राहुल है.. मैं हिंदी सेक्स कहानियां (hindi sex kahaniyan))पढ़ने का शौक़ीन हु और अक्सर हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर सेक्स कहानियां (sex kahaniyan) पढ़ने आता हु.. मेरी उम्र 30 साल है और यह मेरी पहली और रियल स्टोरी है.
मेरी बीवी का नाम अंकिता है और उसकी उम्र 28 साल है…. देखने में गोरी चिट्टी है… 5:30 फुट हाइट है… उसकी चुचियों का साइज 34 है… उसकी गांड का साइज 36 के करीब है और स्वभाव से भी बहुत अच्छी है.
एक बार हम पैसों की तंगी से बहुत परेशान चल रहे थे और मेरी नौकरी भी छुट्टी हुई थी इसलिए हम थोड़ी परेशानी में चल रहे थे…. एक दिन मैंने न्यूज़ पेपर में देखा एक कंपनी में लेडीस अकाउंटेंट की नौकरी है..
मैं अगले दिन अपनी बीवी को साथ लेकर उस ऑफिस में आ गया और वहां मैं मैनेजर से मिला मैनेजर ने मेरी बीवी का इंटरव्यू लिया और मेरी बीवी इंटरव्यू मैं पास हो गई और हमें जॉब का ऑफर मिल गया … अंकिता को सोमवार को नौकरी ज्वाइन करने के लिए बोला और मेरी बीवी खुशी-खुशी सोमवार को ऑफिस चली गई…
हम दोनों बहुत खुश थे कि अब पैसों की तंगी थोड़ी दूर होगी और इस तरह लगातार काम चलता रहा… लगभग 6 महीने बाद मेरी बीवी का प्रमोशन हो गया और एक दिन मेरी बीवी ने मुझसे कहा बिग बॉस की रिश्तेदारी में शादी है और वह मुझे भी चलने को कह रहे हैं…
शादी थोड़ी दूर पर ही कैलाश मे थी. लगभग आधे घंटे का सस्ता था. मेरी बीवी को मैंने जाने की इजाजत दे दी और वह बहुत खुश हुई और तैयार होने लगी… उसने गहरे नीले रंग की साड़ी पहनी और और शादी में जाने के लिए तैयार होने लगी..
थोड़ी देर बाद ही उसके बॉस की गाड़ी ड्राइवर लेकर आया और मेरी बीवी को चलने को कहा मेरी बीवी गाड़ी में बैठ कर चली गई. मैंने सोचा की बॉस ने मेरी बीवी को ही क्यों इनवाइट किया, और किसी स्टाफ की लेडीस को क्यों नहीं कहा ?
मुझे कुछ शक हुआ और मैं भी बाइक लेकर पीछे पीछे चल दिया. थोड़ी दूर जाने पर ही वह पैलेस आ गया और मैं पैलेस की पार्किंग मैं ही रुक गया.. लगभग आधे घंटे बाद मेरी बीवी और बॉस वापस आ रहे थे. मैं उनको देखकर छुप गया और मैंने सोचा कितनी जल्दी कैसे आ गए…
दोस्तो, मेरा नाम अनन्या है, मैं शिमला की रहने वाली हूँ। मैं अभी 21 साल की हूँ, रंग गोरा, बदन कच्चा एवं गठीला तथा साईज 34-28-36 है। बात कुछ समय पहले की है जब मैं बी एस सी प्रथम वर्ष में थी। मैं इंटरनेट का बहुत प्रयोग करती थी, दिन भर व्हाटस एप और फेसबुक पर लगी रहती थी।
आज भी मैं अश्लील साइटें देख लेती हूँ।वैसे मैं बहुत ही कामुक लड़की हूँ।
मैं व्हाटस एप पर लोगों से सेक्स चैट करती थी और अब भी करती हूँ।
एक दिन एक मैसेज आया- हेलो!
मैंने कोई जवाब नहीं दिया।
पर उसके रोज मैसेज आने लगे तो मैंने एक दिन जवाब दिया- हाई…
वो- धन्यवाद जी
मैं- क्यों?
वो- आपने रिप्लाई किया इसलिए… आपका नाम क्या है?
मैं- अनन्या!
वो- मैं अखिल, आप कहाँ से हो?
मैं- शिमला से, पर आपको मेरा नम्बर कहाँ से मिला?
वो- मेरे दोस्त ने दिया, पर नाम नहीं बता सकता!
मैं- ओके
वो- क्या आप मेरे साथ सेक्स चैट कर सकती हैं?
मैं- नहीं!
वो- मैं आपको पैसे दे सकता हूँ सेक्स चैट करने के!
मैं- ओके
इस तरह उसने मुझे पैसे भेज दिये और हम सेक्स चेट करने लग गये।
तब मुझे पता चला कि वो राहुल (ज़िससे मैं सेक्स चैट करती थी) का दोस्त है।
हम दोनों रोज रात को बातें करते, एक दूसरे को अपनी फोटो भेजते थे।
मैं भी उसे पसंद करने लगी थी, जब वो बातें करता तो मेरी पेंटी गीली हो जाती थी, मैं उसके साथ रातें रंगीन करना चाहती थी पर चाहती थी कि पहल वो करे।
और एक दिन चैट पर…
अखिल- अनन्या, क्या हम मिल सकते हैं?
मैं- पर आप तो जयपुर से हो!
अखिल- मैं शिमला आ जाऊँगा!
मैं- नहीं!
मैंने चाहते हुए भी मना कर दिया।
अखिल- प्लीज अनन्या, एक बार!
वो मुझे मनाने लगा।
मैं मान गई और हाँ कर दी, अगले दिन मिलने का प्लान कर लिया।
मैंने उसे फोन पर बता दिया कि हम पार्क में मिलेंगे।
अगले दिन रविवार था तो मैं मम्मी से सहेली के घर जाने की बोल कर घर से निकल गई और वो रात को ही शिमला के लिए रवाना हो गया था।
हेलो दोस्तों.. मेरा नाम शेखर है. मैं हिंदी पोर्न स्टोरीज डॉट ऑर्ग पर हिंदी सेक्स कहानी (Hindi sex kahani / Biwi ki chudai) पढ़ने अक्सर आता हु. मेरी बीवी कुसुम काफी भोली-भाली किस्म की औरत है. हमको असम आके काफी टाइम हो। कुसुम ने एक सब्ज़ीवाले से चुदवा लिया था पहले ही.. अब वो कुछ और विचित्र हरकत करने वाली थी..
एक दिन मैंने कुसुम से कहा के वो अपने चूत की सफाई कर ले. उसकी झांटें बहुत बड़ी हो गयी थी… एक बार मैंने उसकी चूत के बाल निकाले थे.. बताया था उसको के कैसे निकालते है.. अब वो निकाल ले खुद ही..
उसने हाँ कर दी… कहा के कर लेगी..
मैं ऑफिस के लिए निकल गया… ऑफिस जाके के पता चला के हाफ डे ही काम होगा तो मैं दोपहर में फ्री हो गया..
मॉर्केट में आ कर मैं एक पान के दूकान पर खड़ा हो कर सिगरेट पीने लगा.. तभी मैंने देखा के कुसुम दूसरी ओर से चली आ रही है.. वो कुछ आगे आ कर एक गली में मुड़ी और एक दूकान में घुस गयी..
वो एक सलून था.. जेंट्स हेयर कटिंग सलून… मैं अवाक देखता रह गया.. भला इससे एक सलून में जाने की क्या ज़रुरत है…!!
तभी मुझे याद आया के मैंने उसे झांट साफ़ करने को बोला था… कही वही तो नहीं करवाने आई है वो???
कुछ देर बाद वो निकली और घर के तरफ चली गयी.. मैं सिगरेट ख़तम करके उस सलून में चला गया.. दाढ़ी बनवाने के बहाने पूछ पड़ा के वो औरत क्यों आई थी एक जेंट्स सलून में…
उस सलून में ३ नाइ थे.. तीनो हंस पड़े… बोले, के उसको अपनी झांट साफ़ करवानी है… कुछ देर में पैसे लेके आने वाली है…
मैंने पुछा कितना पैसा देगी वो झांट सफाई के लिए..
एक ने बोला के हमने २ हज़ार बोला तो वो झट मान गई…
मैंने मन ही मन सोचा… झांट सफाई तो बहाना है… उसे लंड चाहिए.. और इन लोगो से चुदवाना है उसको…
मैंने एक नाइ को ५०० रूपए दिए… और बोला के मुझे सब देखना है.. तुमको जो करना है करो पर मुझे देखने दो…
वो हंसा और बोला के काउंटर के पास वाले परदे के पीछे चुप जाओ… वहाँ से पूरा कार्यक्रम दिखेगा…
मैं जा कर वह बैठ गया…
कुछ देर बाद कुसुम आ गयी… उसने पैसे एक नाइ को दिए.. पैसे लेके उसके एक कुर्सी पर टांग फैला कर बैठने को कहा…
कुसुम असमंजस में खड़ी रही… फिर नाइ के बार बार प्रेशर करने पर उसने कपडे एक-एक करने उतर दिए और कुर्सी पर टांग फैला कर बैठ गयी…
दोस्तों मेरा नाम अशोक है। मेरी आयु २४ साल है. मैं यहाँ अक्सर हिंदी सेक्स कहानी (hindi sex kahani), हिंदी चुदाई कहानी (hindi chudai kahani) और मस्तराम सेक्स कहानी (mastram sex kahani) पढ़ने आता हु. मैं अजमेर में पिछले तीनसालों से टूरिस्ट गाइड का काम कर रहा हूँ. मेराकाम टूरिस्टों को होटलों में ठहराने और शहर घुमाने का है.कयी बार विदेशी टूरिस्ट भी मिल जाते हैं.जिन से काफी कमाई हो जाती है .
इस लिए मैंने अंग्रेजी,स्पेनिश और इटालियन भाषा भी सीख रखी है.मैं टूरिस्टों की तलाश ने रेलवे स्टेशन और बस अड्डे पर चक्कर लगाता रहता हूँ.काफी दिनों से मेरी इच्छा किसी विदेशी लड़की को चोदने की थी.लेकिन आज तक कोई ऐ\ऐसा मौका नहीं मिला था। वैसे मैंने अपने ही शहर की कई लड़कियों को चोदा है.मेरा लंड भी ९ इंच का है .
जिसे लडकियां बहुत पसंद करती हैं.एक दिन मेने रैलवा स्टेशन पर दो विदेशी लड़कियों को देखा ,जो काफी परेशान दिखाई दे रहींथीं और फोन पर किसी से जोर जोर से बातें कर रही थीं.मेंने हिम्मत कर के उन से पूछा की क्या मैं आपकी कोई मदद कर सकता हूँ.मेने उन्हें अपना आई कार्ड दिखाया.और उनकी समस्या के बारे में पूछा .
तो उन्होंने बतायाकि उन्होंने जिस होटल में अपना कमरा बुक किया था वह कन्फर्म नहीं हो सका है.इसलिए उन्हें सिर्फ़ दो दिनों के लिए ठहराने की व्यवस्था चाहिए .मेने दो तीन होटलों से पता किया लेकिन कहीं जगह नहीं मिल सकी.इस से दोनों लडकियां काफी निराश हो गयीं.उन में एक लड़की काली और दूसरी गोरी थी.जब मेने उनके बारे में पूछा तो काली ने अपना नाम फ्रेंकी बताया और आयु २४ साल बतायी .दूसरी लड़की का नाम ब्रियाना बताया.आयु २२ साल.
दोनों अमेरिकन थीं लेकिन फ्रेंकी ब्राजीलियन थी.दोनों अजमेर का पुष्कर मेला देखने आयीं थीं और उन्हें दो दिन बाद ही अपने देश वापिस जाना था। मेला के कारण सभी होटलों केसारे कमरे भरे हुए थे.तभी मुझे अचानक याद आया की मेरे दोस्त बंटी का अजमेर से २० मील दूर ख़ुद का एक फार्म हाउस है
मेरा नाम रिंकी हैं और मैं जयपुर की रहनेवाली हूँ और कॉल सेंटर में जॉब करती हूँ. आप सब पहले मेरे बारे में जान लीजिये. मैं बहुत ही चुदक्कड किस्म की हूँ और मुझे डेली सेक्स करना पसंद हैं. क्यूंकि अब मेरे बहुत सारे बॉयफ्रेंडस हैं. मैं अपने फिगर के बारे में बताऊ वो 36 30 38 का हैं. मैं बहुत ही हॉट लड़की हूँ. मेरे कोलोनी के सारे लड़के मुझसे दोस्ती करना चाहते हैं.
एक दिन ऐसे ही व्हटसएप्प में मेरी सहेली ने मुझे बोला की मेरे जीजू आ रहे हैं तो तो हमारे घर पर आजा. मैं अपनी सहेली के घर गई और कुछ देर उसकी हेल्प की क्यूंकि उसके जीजू आ रहे थे और वो अपनी जीजू के लिए बड़ी तैयारी में लगी हुई थी. मेरा मतलब की पार्टी की तैयारी कर रही थी. और बातों बातो में उस से कहा मैंने की तू तो बहुत सब तैयारी कर रही हैं, बात क्या हैं? तो उसने कुछ बोला नहीं और सिर्फ हंस दिया.
मैं समझ गई की मेरी सहेली अपने जीजू से चुदवा चुक हैं क्यूंकि उसने मुझे एक बार बताया की वो और उसके जीजू दोनों एक दुसरे को लाइक करते हैं. मैंने सोचा की अपनी सहेली से पूरी बात पूछती हूँ.
Antarvasna Jija sali sex stories – पहला चुदाई अनुभव
मैंने अपनी सहेली से पूछा की क्या तू अपने जीजू से चुदी हैं? वो कुछ ना बोली लेकिन मैंने भी बार बार पूछा. तो एंड में उसने कहा की देख रिंकी किसी को पता ना चले और मेरी दीदी को पता चला तो वो मुझे कच्चा चबा लेगी. मैं समझ गई की वो अपने जीजू का लंड ले चुकी थी. क्यूंकि वो मुझे अब सब बताने लगी और बताया की जब भी जीजू आते हैं तो वो उसकी चूत को अवश्य चोदते हैं. और उसने बताया की वो अच्छे हैं चोदने में.
रात में मैं अब धीरे धीरे एक्साइट हो रही थी क्यूंकि मेरी सहेली ने बताया था की उसके जीजा का लंड बहुत बड़ा है और मोटा भी. और वो चोदने में टाइम भी काफी लेते हैं. मैं भी अब चुदवाने के लिए जैसे एकदम उतावली सी हो गई थी.
प्रेम आश्रम वाले गुरूजी कहते हैं कि लड़कियों की पिक्की, बाल आने के बाद बुर या भोस, चुदने के बाद चूत और फटने (बच्चा होने) के बाद फुद्दी बन जाती है।
अब मैं यह सोच रहा था कि मिक्की (मोनिका) की अभी पिक्की ही है या बुर बन गई है। इतना तो पक्का है कि भले ही उसकी पिक्की पूरी तरह से बुर या भोस न बनी हो पर वो बनने के लिए जरूर आतुर होगी। पता नहीं इन कमसिन लड़कियों की पिक्की को बुर बनने की इतनी जल्दी क्यों लगी रहती है। और जब बुर बन जाती है तो चूत बनने के लिए बेताब रहती है।
आप सोच रहे होंगे कि ये मिक्की कौन है?
मिक्की मेरे साले की लड़की है। घर में सब उसे मिक्की और सभी सहेलियां मोना और स्कूल में वो मोनिका माथुर के नाम से जानी जाती है। उम्र १८ के आसपास, +२ में पढ़ती है। गदराया बदन शोख, चंचल, चुलबुली, नटखट, नादान, कमसिन, क़यामत। कन्धों तक कटे बाल, सुतवां नाक, पतले पतले गुलाबी होंठ जैसे शहद से भरी दो पंखुडियां, सुराहीदार गर्दन, बिल्लोरी आँखें, छोटे छोटे नींबू जो अब अमरुद बन गए हैं पतली कमर, चिकनी चिकनी बाहें और केले के पेड़ की तरह चिकनी जांघें। सबसे कमाल की चीज तो उसके छोटे छोटे खरबूजे जैसे नितम्ब हैं।
हे भगवान् … अगर कोई खुदकुशी करने जा रहा हो और उसके नितम्ब देख ले तो एक बार अपना इरादा ही बदलने पर मजबूर हो जाए। उसकी पिक्की या भोस का तो आप और मैं अभी केवल अंदाजा ही लगा सकते हैं। कुल मिला कर वो एक क़यामत है। ऐसी कन्याएं किसी भी अच्छे भले आदमी का घर बर्बाद कर सकती है। पर मुझे क्या पता था कि भगवान् ने इसे मेरे लिए ही बनाया है।
पहले मैं अपने बारे में थोड़ा बता दूं। मेरा नाम प्रेम गुरु है। मैं एक बहु राष्ट्रीय कंपनी में काम करता हूँ। उम्र ३२ साल, कद ५’ ८” रंग गेहुँवा। शक्ल-सूरत ठीक ठाक। वैसे आदमियों की शक्ल-ओ-सूरत पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता, ख़ास बात उसका स्टेटस होता है और दूसरा उसकी सेक्स पॉवर। भगवान् ने मुझे इन दोनों चीजों में मालामाल रखा है। मेरे लिंग का साइज़ ७” है और मोटाई २ इंच। मेरा सुपाड़ा आगे से कुछ पतला है। आप सोच रहे होंगे फिर पतले सुपाड़े से चुदाई का मज़ा ज्यादा नहीं आता होगा तो आप गलत सोच रहे हैं। यह तो भगवान् का आशीर्वाद और नियामत समझिये। गांड मरवाने वाली औरतें ऐसे सुपाड़े को बहुत पसंद करती है। आदमियों को भी अपना लण्ड अन्दर डालने में ज्यादा दिक्कत नहीं होती।
जिन आदमियों के लिंग पर तिल होता है वो बड़े चुद्दकड़ होते है फिर मेरे तो सुपाड़े पर तिल है आप अंदाजा लगा सकते हैं मैं कितना बड़ा चुद्दकड़ और गांड का दीवाना हूँ। मेरी पत्नी मधुर ३६-२८-३६, उम्र २८ साल बहुत खूबसूरत है। उसे गांड मरवाने के लिए मनाने में मुझे बहुत मिन्नत करनी पड़ती है। लेकिन दोस्तों ये फिर कभी। क्यों कि ये कहानी तो मिक्की के बारे में है।
वैसे तो ये कहानी नहीं बल्कि मेरे अपने जीवन की सच्ची घटना है। दरअसल मैं अपने अनुभव एक डायरी में लिखता था। ये सब उसी में से लिया गया है। हाँ मुख्य पात्रों के नाम और स्थान जरूर बदल दिए हैं। मैं अपनी उसको (?) बदनाम कैसे कर सकता हूँ जो अब इस दुनिया में नहीं है जिसे मैं प्रेम करता हूँ और जन्म जन्मान्तर तक करता रहूँगा। इसे पढ़कर आपको मेरी सच्चाई का अंदाजा हो जायेगा। मेरा दावा है कि मेरी ये आप-बीती आपको गुदगुदाएगी, हँसाएगी, रोमांच से भर देगी और अंत में आपकी आँखे भी जरूर छलछला जायेंगी।
मेरी एक फंतासी थी। किसी नाज़ुक कमसिन कली को फूल बनाने की। पिछले ७-८ सालो में मैं लगभग १५-२० लड़कियों और औरतों को चोद चुका हूँ पर अब मैं इन मोटे मोटे नितम्बों और भारी भारी जाँघों वाली औरतों को चोदते चोदते बोर हो गया हूँ। मैंने अपने साथ पढ़ने वाली कई लड़कियों को चोदा है पर वो भी उस समय २०-२१ की तो जरूर रही होंगी। हाँ अपने कामवाली बाई गुलाबो की लड़की अनारकली जरूर १८ के आस पास रही होगी पर वो भी मुझे तब मिली जब उसकी बुर चूत में बदल चुकी थी। सच मानो तो पिछले ३-४ सालों से तो मैं किसी कमसिन लड़की को चोदने के चक्कर में मरा ही जा रहा था।
शायद आपको मेरी ये बातें अजीब सी लगे- नाजुक कलियों के प्रति मेरी दीवानगी। हमारे गुरूजी कहते हैं चुदी चुदाई लड़कियों/औरतों को चोदने में ज्यादा मुश्किल नहीं होती क्योंकि वे ज्यादा नखरे नहीं करती और चुदवाने में पूरा सहयोग करती है। इन छोटी छोटी नाज़ुक सी लड़कियों को पटाना और चुदाई के लिए तैयार करना सचमुच हिमालय पर्वत पर चढ़ने से भी ज्यादा खतरनाक और मुश्किल काम है।
कहते है भगवान् के घर देर है पर अंधेर नहीं है। मेरा साला किसी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर है। वो अपने काम के चक्कर में हर जगह घूमता रहता है। इस बार वो यहाँ टूर पर आने वाला था। मधु ने उसे अपनी भाभी और मिक्की को भी साथ लाने को मना लिया।
सुबह-सुबह जब मैं उन्हें लेने स्टेशन पर गया तो मिक्की को देख कर मेरा दिल इतना जोर से धड़कने लगा जैसे रेल का इंजन। मुझे ऐसा लगा जैसे मेरा दिल हलक के रास्ते बाहर आ जायेगा। मैंने अपने आप पर बड़ी मुश्किल से काबू किया। सामने एक परी जैसी बिल्लौरी आँखों वाली नाज़ुक सी लड़की कन्धों पर बेबी डोल लटकाए मेरे सामने खड़ी थी – नीले रंग का टॉप और काले रंग की जीन पहने, सिर पर सफ़ेद कैप, स्पोर्ट्स शूज, कानों में छोटी छोटी सोने की बालियाँ, आँखों पर रंगीन चश्मा ? ऊउफ्फ्फ़ … मुझे कत्ल करने का पूरा इरादा लिए हुए।
अन्तर्वासना के सभी मित्रों को मेरा नमस्कार। मेरा नाम डॉली है। मैं छत्तीसगढ़ में रहती हूं। मेरी उम्र 35 वर्ष है और मेरी दूसरी शादी अभी कुछ महीने पहले ही हुई है। मैं एक चुदक्कड़ किस्म की लड़की हूं तथा अपनी पहली शादी के पहले से ही अपनी चूत को लंड का स्वाद दिला चुकी हूं।
मेरा मानना है कि हर लंड का स्वाद अलग होता है और हर चूत एक जैसी चटपटी नहीं होती है। मेरा रंग गोरा, हाइट 5 फुट 4 इंच और फिगर 35 30 36 है। मुझे ब्लू फिल्म देखना बहुत पसंद है, खासकर वह फिल्म जिसमें एक लड़की को दो या अधिक लड़के चोदते हैं। मेरा भी बहुत मन करता है कि मैं दो लड़कों के साथ एक साथ सेक्स कर सकूं।
मैंने डीटीसी बस रूट के बारे में अपने दिल्ली में रहने वाले एक चैट फ्रेंड से और इंटरनेट से जानकारी ली।
मेरे फ्रेंड ने मुझे सजेस्ट किया कि लाल किला से करोल बाग वाला रूट बहुत अच्छा है। उस पर समुचित भीड़ रहती है और मौका मिलने पर मेरे साथ छेड़छाड़ भी अच्छी तरीके से हो सकती है तथा किडनैपिंग का चांस नहीं है। मेरे दोस्त ने मुझे यह भी बताया कि रविवार को लाल किला के सामने सवेरे 6:00 बजे से एक साप्ताहिक बाजार लगता है जिसमें बहुत अच्छे से भीड़ रहती है। अब तो मैंने भी सोच लिया कि इस साप्ताहिक बाजार का आनंद भी लूंगी और मौका मिला तो दो लौंडे भी अपने लिए पटा लूंगी। मुझे दिल्ली नवंबर के महीने में जाना था जो कि ठंड का महीना होता है। मैंने सोचा कि अगर मैं इस मौसम में स्कर्ट पहनती हूं तो लड़कों का ध्यान मेरी तरफ़ अवश्य जाएगा। यह सोचकर मैंने एक स्कर्ट अपने लिये ऑनलाइन मंगवाई।
मैंने अपने लिये एक ऑफ व्हाइट ब्लाउज और स्किन कलर की ब्रा भी ऑर्डर कर के मंगवा ली। वैसे मेरा ब्रा साइज 36D है पर मैंने जानबूझ कर 34B साईज का ऑर्डर दिया ताकि मेरी चूचियों का कुछ भाग ब्रा के कप से बाहर रहे और लड़कों का ध्यान आकर्षित कर सके।
मेरी ड्रेस जब ऑनलाइन मुझे डिलीवर हो गई तब मैंने पहन कर उसकी ट्रायल ली। स्कर्ट मेरे घुटनों से लगभग 3 इंच से ज्यादा ऊपर थी और ब्रा मैं मेरे मम्मे आधे ही घुस पा रहे थे। कुल मिलाकर मुझे छेड़ने के लिए अच्छा माहौल लड़कों को मुझे दे पाने के लिये मेरी ड्रेस अच्छी लग रही थी
मुझे एक शादी में चंडीगढ़ जाना था। लौटते समय मैंने दो रात दिल्ली रुकने का प्लान किया और अपने पति को यह समझाया कि मैं अपने ऑफिस के काम से 2 दिन दिल्ली रूकूंगी। मैंने अपने अधिकारियों से रिक्वेस्ट करके दो दिन के लिए दिल्ली टूर अनुमोदन भी करवा लिया।
जब मैं चंडीगढ़ से दिल्ली पहुंची तब रात्रि का लगभग 9:00 बज रहे थे। मैं करोल बाग के एक होटल में ठहर गई।
मैं रात को जल्दी सो गई और सुबह लगभग 3:45 बजे जागी। नहा कर मैंने अपनी पसंदीदा स्कर्ट और ऑफ शोल्डर ब्लाउज नई ब्रा के साथ पहना। मैंने उस स्कर्ट के अंदर पेंटी नहीं पहनी लेकिन लैपटॉप कवर के अंदर एक पैंटी मैंने इमरजेंसी के लिए रख ली।
लगभग 4:30 बजे मैं होटल से निकली। मैंने अपने साथ बहुत सामान नहीं लिया। लैपटॉप का कवर, अपना पर्स और मोबाइल लेकर मैं होटल से निकली थी।
मैंने यह महसूस किया कि होटल से निकलते वक्त भी लोगों की निगाहें मुझ पर थीं पर किसी की परवाह किये बगैर मैं ऑटो से बस स्टॉप तक आ गई। मैंने वातानुकूलित बस का पूरे दिन का पास बनवा लिया ताकि बार-बार टिकट खरीदने की झंझट से मुक्ति रहे।
सवेरे की बस में कोई भीड़ नहीं थी। मैं आराम से लाल किले तक पहुंच गई। सवेरे का मार्केट लग ही रहा था।
मुझे ठंड तो लग रही थी, लेकिन मैं लगभग 15 मिनट मार्केट में चहलकदमी करती रही। कुछ लोगों ने मुझे पलट कर देखा लेकिन आगे बढ़कर किसी ने छेड़छाड़ नहीं की। कुछ देर बाद मैं लाल किला से करोल बाग जाने वाली बस में चढ़ गयी। अभी थोड़ी भीड़ बढ़ना शुरू हुई थी लेकिन मैं लगभग 200 मीटर बाद ही वापस उतर गई और फिर से लाल किले मार्केट तक आ गई।
सुबह सुबह का वक्त था और अब भीड़ थोड़ी बढ़ रही थी।